Secret mind

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الجمعة، 20 ديسمبر 2019

Pluto ko kya distroy kar diya gaya hai ?


प्लूटो को क्या ख़तम कर दिया गया है ? 




हमारा  सोर मंडल 8 ग्रह  1 सूरज  जिसकी उत्पति  हुई थी आज से करीब  4 . 6  अरब  साल  पहले इन 8  ग्रह में से 4 गैस  जॉइंट  थे और 4 रोकी प्लेनेट थे   लकिन मेने अपने स्कूल के दिनों में कुछ और ही पड़ा था।  हमे बताया जाता था की हमारे सोर मंडल में कुल 9 गृह  है और 1  सूरज और आप लोगो को पता ही होगा की 9 वा प्लेनेट  था pluto (प्लूटो)। सोलर सिस्टम  का सबसे छोटा और आखिरी प्लेनेट, परन्तु 2006  में international Astronomical Union यानि  IAU  ने अपने 26वे असेम्ब्ली  में प्लूटो  को एक बोना गृह घोसित कर दिया गया।  कई लोग सोचते है की पुलोतो को क्यों नस्ट कर दिया गया या उसको 9 गृह कि श्रेणी से क्यों भहर कर दिया गया ? आज के इस पोस्ट में हम आपको पूरी सचाई बतायंगे। हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम है अमन गुप्ता और आप पद रहे है secret mind .

साल 1977 में  वॉइसेर स्पेस क्राफ्ट्स  को लॉन्च किया गया था पहले वॉइसेर 2  को और उसके कुछ दिन बाद वॉइसेर 1 को लॉन्च  किया गया था। और ये पहले स्पेस क्राफ्ट्स थे जिन्होंने हमे हमारे सोलर सिस्टम के गैस जाइंट्स को करीब से देखने में मदत किया और फिर इनमे लगे कैमरा को बंद करने के बाद भी आज भी ये अपना सफर जारी रखे  हुए है लकिन वॉइसेर मिशन में हमसे प्लूटो छूट गया हम प्लूटो को करीब से नई देख  पाय थे।  साल 1930  में अमेरिकन वैज्ञानिक Clyde Tombaugh ने प्लूटो की खोज की थी जिससे आगे चल कर हमारे सोर मंडल का 9 व ग्रह  घोस्ति  किया गया उस समय खगोलविद मानते थे की प्लूटो आकर में  Mercury ग्रह     से भी बड़ा होगा परन्तु कई वैज्ञानिक इस बात  से राजी  नई थे।  प्लूटो सोर मंडल के अन्य ग्रह से अलग था ये एक छोटा बर्फ का गोला था जिसके सतह का तापमान -225* C  था।  प्लूटो का ऑर्बिट बाकि प्लेनेट से 
सबसे अलग है लगभग सरे अन्य प्लेनेट जिनका ऑर्बिटर सर्कुलर है , व्ही प्लूटो का ऑर्बिट अंडाकार है।  ये सूरज के चारो और 17* के एंगल में ऑर्बिट करता है और इसे अपने एक ऑर्बिट को पूरा करने में करीब 248  years  का समय लगता है।  आप सोच सकते है की प्लूटो का एक साल कितना बड़ा है।  लकिन प्लूटो की खोज होने से पहले खगीोलविदो ने इसकी फोटो ले ली थी परन्तु उन लोगो ने उस समय इस पर दिया  नही  दिया। 

सन 1840  में फ्रैंच मैथमेटिकल Urbain Le Verrier ने neptune की प्रेडिक्शन कर दी थी अपने math के जरिये। 
उन्होंने देखा की युरेनस के ऑर्बिटर में कोई चीज प्रभाव  ढाल रहा था तो इसके विस्लेसन के लिए उन्होने ने neptune की खोज कर ली थी।  लकिन Neptune लकिन neptune के ओबजर्वेशन  के बाद खगोलविदों  ने देखा की   युरेनस के ऑर्बिटर को neptune  ही नही बल्कि  उसके पीछे भी कोई चीज है डिस्टर्ब  कर रही है आखिर वह क्या था खगोलविद इसकी खोज में लग गए और इसके बाद साल 1906  में अमेरिकन गतितज्ञ percival Lowell ने एक प्रोजेक्ट की सुरुवात  की "The search of a Possible ninth planet " जिसका नाम उन्होंने दिया Planet X  साल 1915  में Lowell के जाने बिना ही उनके सर्वे में pluto  की 2 दुन्द्ली तस्वीरें  ली  लकिन उस समय उस पर किसी ने दियान  नहीं दिया उसके बाद कुछ क़ानूनी कार्यवाही lowell  के प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया लकिन साल 1929  में इस प्रोजेक्ट को वापस सुरु किया गया और प्लेनेट X को खोजने का जिम्मा Clyde Tombough  को शॉपा गया।  और फिर एक साल के कठिन कोसिस के बाद 18 feb 1930 को टोमबौघ ने आखिर खार प्लूटो की खोज कर ही ली। प्लूटो अपनी खोज के बाद ही लोगो के बिच में काफी पर्सिद हो गया और सोर मंडल का 9वा  प्लेनेट बन गया लकिन सुरुवात में प्लूटो के आकर और Mass की जो भी गणना की गए थी वो धीरे धीरे गलत साबित हो रहा था।  सरूवात में खगोलविदों को लगा पुलों का mass हमारे धरती के mass  के बराबर है परन्तु जैसे जैसे इस पर ज्यादा सर्च किया गया तो हमे पता चला की इसका वास्तविक मास्स तो हमारे गणना से काफी काम था।  साल 1978 में जब प्लूटो के मून saron की खोज हुई तब हम पहेली बार प्लूटो की वास्तविक मास को मापने के काबिल बने और हमे मालुम पड़ा की इसका mass हमारे earth की mass  की तुलना में  केवल 0. 2% है और इस्का आकर हॉट ही छोटा है ये इतना छोटा है की इसका गरूत्वा कर्षण के ऑर्बिट में कोई प्रभाव नहीं डालता है।  और इस वजह से Lowell  के planet X की श्रेणी से इससे हटा दिया गया परन्तु प्लूटो अब भी एक प्लेनेट था।  लकिन अब भी हमारे पास प्लूटो की क्लियर इमेज नही  थी खगोलविद काफी हद तक प्लूटो की बनावट की पढ़ाई में लग गए लकिन इसकी वास्तविक बनावट तथा जानकारियों के लिए हमे यह धरती से 7. 5 अरब km दूर ट्रैवल कर के प्लूटो तक जाना था  ताकि हम इससे करीब से देख सके लकिन प्लूटो तक जाना कोई मामूली बात नहीं  थी क्युकी इसके लिए एक डैम सटीक टाइमिंग , एंगल और स्पीड की जरूरत होती थी इनमे से अगर एक भी गाबडया तो बस तो हम अपनी मंजिल को खो देंगे इसके बाद साल 1977 में किये गए वॉइसेर मिशन ने हमे हमारे सोलर सिस्टम के गैस जाइंट्स को करीबी से देखने और उन्हें पड़ने की मदत कि लकिन प्लूटो हमसे अब भी बचा हुआ था। 

19 जनवरी 2006 में NASA ने अपने नई horizons स्पेस क्राफ्ट को लॉन्च किया जो की प्लूटो पर बेजा जाने वाला पहला स्पेस क्राफ्ट था जो अपने 9 साल 5 महीने के साफ़र के बाद यानि साल 2015  में प्लूटो को करीब से देखने वाला था। नई horizons भोत ही खाश तरह से बनाया गया स्पेस क्राफ्ट था और प्लूटो तक पहुंचने के लिए इसने जुपिटर का सहारा लिया जी है जुपिटर के Flyby ने इस स्पेस क्राफ्ट को एक gravitational स्लिंग शॉट प्रोवाइड किया जिससे इसकी गति 20 % और बाद गए और 15 jan 2015 को नई horizons आखिर कार अपनी मंजिल प्लूटो तक पहुंचने में कामयाब हो गया लकिन प्लूटो नई horizons की आखिरी मंजिल नहीं थी बल्कि इससे इसके बाद Kuiper  belt  की और भी जाना था इस वजह से हमारे पास ज्यादा समय नही  था  फिर भी इतने कम समय में नई horizons ने हमे लगभग प्लूटो की काफी साडी जानकारिया दी जिससे हमे प्लूटो को और बेहतर तरिके से जाने में भोत मदत मिली। परन्तु क्या आप जानते है नई हॉरिज़ोन्स जो प्लूटो पर जाने वाली पहेली स्पेस क्राफ्ट थी इसके साथ ही प्लूटो के खोजकर्ता क्लीदे तोबौघ की अस्थिया भी बेजी गए थी जी हां और ये किसी भी अस्ट्रोनॉमर के लिए सबसे बड़ी सामान की बात  है।  वो व्यक्ति जिन्होंने साल 1930 में प्लूटो की खोज की थी उन्ही का अंश साल 2015 तक प्लूटो तक बेजा गया था ये वाकय में भोत बड़ा सामान है उनके लिए जिन्होंने इनसब को मुंकिन बनया था लकिन साल 2005 में जब एक और पिंड की खोज हुई थी जो प्लूटो से दूर था और प्लूटो से 27 % ज्यादा मेस्सिव था  जिसका नाम रखा गया ERIS इसने इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन को प्लेनेट के डेफिनेशन को दोबारा से डिफिने करने के लिए मजबूर किया और फिर 2006  के 26वे जनरल असेंब्ली में इन्होने किसी पिंड को कहलाने के लिए नई रूल्स लागू कर दिए गए जो की कुछ इस प्रकार थे :-
1. कोई भी पिंड एक ग्रह जब ही कहलायगा ज्ब वो सूरज का चाकर लगेगा। 
2. उसके पास इतना mass हो की वो खुद को गोलाकार शेप में बनाये रख सके 

ये दोनों रूल्स प्लूटो फोलोव करता है लकिन तीसरा जो की एक नया रूल था। 
3. प्लेनेट को अपने ऑर्बिट के आस पास को साफ़ रख सके यानि इसके आस पास के पिंड या तो इसके चाकर लगाय या फिर इससे टकराकर इससे जुड़ जाय

 यही वो तीसरी क्राइटीरिया है जिसे प्लूटो फॉलो नही  करता है और इस वजह से इससे एक नई श्रेणी में दाल दिया गया अब से प्लूटो बोन गृह के श्रेणी में घोसित कर दिया गया लकिन प्लूटो हमारे सोर मंडल का एक मात्र बोना गृह नही  है बल्कि ऐसे और भी 4 बोन गृह से जो सूरज का छाकर लगते है तो प्लूटो को डिस्ट्रॉय नई किया गया है और नाही हम इतने काबिल है की किसी गृह को ख़तम कर सके प्लूटो को केवल एक दूसरे गृह में क्लासिफीय किया गया है तो ये थी प्लूटो की कहानी।  प्लूटो को 2006 में बोने गृह घोसित करने के बाद हम 2015 में इससे करीब से देख पाय थे लकिन नई हॉरिज़ोन्स का सफर अभी भी नई हुआ है clyde tombough  के अंश नई horizons के साथ दूर अन्तरिकछ में आज भी सफर कर रहे है। 







by Aman gupta .        





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